द्वारका के सेक्टर 25 में 25,703 करोड़ रू. की लागत से इस केंद्र का निर्माण किया जा रहा है और इस निर्माण के पहले चरण की वर्ष 2019 तक पूरा होने की उम्मीद है जिसमें 10,000 मेहमानों के बैठने की क्षमता वाला सम्मेलन केंद्र, 80,000 वर्गमीटर में फैले दो प्रर्शनी हॉल और एक फोयर शामिल है।
शंघाई में किसी प्रदर्शनी केंद्र के अंदर चलती हुई महिला जो अपने फोन को देख रही है। (एएफपी फाइल फोटो)
राष्ट्रीय राजधानी अंतर्राष्ट्रीय मानकों के प्रदर्शनियों, व्यापार मेलों और सम्मेलनों के आयोजन हेतु शंघाई, हांगकांग और सिंगापुर की तरह के अत्याधुनिक सम्मेलन केंद्र प्राप्त करने के लिए तैयार है।
इसका निर्माण दक्षिण-पश्चिम दिल्ली में आईजीआई एयरपोर्ट से तीन किलोमीटर की दूरी पर द्वारका के सेक्टर 25 में किया जाएगा, नवंबर में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस दो चरणों वाली परियोजना को मंजूरी दी थी और पिछले सप्ताह ठेके/संविदा भी दे दिए गए। इस परियोजना, जिसे एशिया की सबसे बड़ी परियोजनाओं में से एक के तौर पर देखा जा रहा है, पर काम कर रहे वास्तुकारों ने कहा है कि इसकी परिकल्पना जी-20 सम्मेलन जैसे समारोहों हेतु डिजाइन की गई एक स्मार्ट, जीरो एनर्जी, विश्व स्तरीय केंद्र के रूप में की गई है।
द्वारका में प्रदर्शनी-सह-सम्मेलन केंद्र और उससे जुड़े बुनियादी ढांचे, जिसमें एक एरिना, प्राथमिक संरचना, दिल्ली मेट्रो, सड़क संपर्क, होटल और कार्यालय स्थल शामिल हैं, 25,703 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से बनाया जा रहा है। मंत्रिमंडल के निर्णय के बारे में जानकारी देते हुए केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है कि इस परियोजना को वर्ष 2025 तक पूरा किया जाएगा।
इस परियोजना से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि पहला चरण जिसमें 10,000 मेहमानों के बैठने की क्षमता वाला सम्मेलन केंद्र, 80,000 वर्गमीटर में फैले दो प्रर्शनी हॉल और एक फोयर शामिल है, अक्टूबर 2019 तक तैयार हो जाएगा और गैर-सार्वजनिक-निजी भागीदरी घटक के तौर पर यह निर्माण कार्य किया जाएगा। उन्होंने बताया कि दूसरा चरण जिसमें शेष प्रदर्शनी क्षेत्र शामिल है, वर्ष 2025 तक तैयार होगा और होटल, रीटेल स्पेस और कार्यालय जैसी सुविधाएं सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मोड पर पूरी की जाएंगी।
पिछले साल दिसंबर में दिल्ली मुंबई इंडस्ट्रियल कोरिडोर डेवलपमेंट कॉपोरेशन (डीएमआईसीडीसी), जो कि इस परियोजना हेतु नॉलेज पार्टनर है, के द्वारा लार्सन एंड टुब्रो को पहले चरण के लिए ठेका दिया गया था। डीएमआईसीडीसी ने अपने इंजीनियरिंग एवं वास्तु सलाहकार के रूप में सीपी कुकरेजा आर्किटेक्ट्स को नियुक्त किया है।
सीपी कुकरेजा आर्किटेक्ट्स के प्रधान वास्तुविद दीक्षु कुकरेजा ने कहा कि '' द्वारका कन्वेंशन सेंटर जैसी परियोजना को डिजाइन करना और इसपर नजदीक से काम करना एक सम्मान की बात है, यह वैश्विक स्तर पर हमारी वास्तुशिल्प कौशल को प्रदर्शित करता है। हमारे वास्तुकार द्वारका में विश्व स्तरीय अत्याधुनिक भवनों और कन्वेंशन सेंटर का निर्माण कर रहे हैं।
औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग के माध्यम से केंद्र से 100 %इक्विटी के साथ इस परियोजना हेतु एक विशेष उद्देश्य साधन (एसपीवी) के रूप में कार्य करने हेतु एक सरकारी कंपनी का गठन किया गया है।
ट्रंक इन्फ्रास्ट्रक्चर, प्रदर्शनी केंद्र के एक भाग, कन्वेंशन सेंटर, मैट्रो और सड़क कनेक्टिविटी को निधि प्रदान करने हेतु केंद्र तीन वर्षों की अवधि तक इस एसपीवी को 2,037.39 करोड़ की बजटीय सहायता प्रदान करेगा। दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) द्वारा भुगतान की जाने वाली सड़क की लागत, पानी एवं जल निकासी अवसंरचना, मैट्रो कनेक्टिविटी के लिए रेलवे की जमीन और अन्य गैर-सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) घटकों पर होने वाले खर्च इसमें शामिल हैं।
वर्ष 2010 में पहली बार इस परियोजना की परिकल्पना की गई थी लेकिन डीडीए से जमीन के हस्तांतरण में देरी की वजह से यह अटक गई थी। आशा है कि इस स्थल पर निर्माण कार्य जल्द ही शुरू हो जाएगी।
बयान में कहा गया कि '' इस परियोजना से पांच लाख से अधिक रोजगार के अवसर पैदा होने की संभावना है''।