नई दिल्ली: इसके परिकल्पना के छह साल के बाद, आखिरकार अगले दो महीनों में एक विशाल प्रदर्शनी एवं सम्मेलन केंद्र - इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन एंड एक्सपो सेंटर - पर काम चालू होगा।
इस परियोजना के निर्माण हेतु द्वारका में आखिरकार जमीन प्राप्त करने के लिए दिल्ली मुंबई इंडस्ट्रियल कोरिडोर डेवलपमेंट कॉपोरेशन (डीएमआईसीडीसी) और प्रधानमंत्री कार्यालय के हस्तक्षेप के साथ काफी प्रयास किए गए जो 90 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में फैला होगा और जिसका निर्माण क्षेत्र 10.7 लाख वर्ग किलो मीटर से अधिक होगा।
इसके अलावा, निजी खिलाड़ी को जमीन सौंपने में किसी लुभावनी डील के किसी भी आरोप से बचने के लिए परियोजना के डिजाइन में यह सुनिश्चित करने के लिए बदलाव किया गया कि मुख्य कॉम्प्लेक्स जिसमें पांच हॉल, कन्वेंशन सेंटर शामिल है, इनका निर्माण कार्य ठेका देकर ही हो। अब 'गैर-प्रमुख' क्षेत्र जैसे कि होटल और वाणिज्यिक स्थल पीपीपी के माध्यम से पूरे किए जाएंगे।
देरी का यह भी मतलब है कि आईआईसीसी को समारोहों के आयोजन के लिए अपग्रेडेड प्रगति मैदान के साथ प्रतिस्पर्धा करना होगा। चूंकि संपूर्ण परियोजना को वर्ष 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है, संभावना है कि पहला चरण दो वर्षों में तैयार हो जाएगा जिसमें 10,000 प्रतिनिधियों के बैठने के लिए एक कन्वेंशन सेंटर और 80,000 वर्ग मीटर में फैला दो प्रदर्शनी हॉल शामिल है।
यदि पहले चरण का निर्माण निर्धारित समय से आगे हो तो तो ठेकेदार के लिए 1% मासिक प्रोत्साहन के साथ 22 महीनों में इस परियोजना को पूरा करने का विचार है।
इस महीने की शुरूआत में केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस कॉम्प्लेक्स के लिए 26,000 करोड़ रू. की मंजूरी मिलने के साथ ही डीएमआईसीडीसी अगले महीने कॉम्प्लेक्स के पहले चरण के प्रमुख स्थलों के निर्माण हेतु और इसे चलाने हेतु एजेंसी के लिए दो ठेका देने की योजना बना रही है।
एक अधिकारी ने बताया कि '' हम चाहते हैं कि निर्माण कार्य शुरू होने से पहले ऑपरेटर जगह पर हों ताकि हम डिजाइन इनपुट प्राप्त कर सकें और यदि जरूरत पड़े तो प्रतिक्रिया के आधार पर योजना को नया रूप दिया जा सके।'' अभी शुरूआती दिन हैं लेकिन एल एंड टी, शापूरजी पालोनजी से लेकर चाइना कंस्ट्रक्शन और सैमसंग जैसे वैश्विक ठेकेदारों के साथ-साथ जर्मनी, सिंगापुर, हांग कांग और यूएई जैसे देशों के ऑपरेटरों ने भी रूचि दिखाई है।